लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सौंदर्या का अवतरण का चौथा भाग भाग 5, भाग-6 भाग 7 रक्षा का भारत आना ८भाग २१भ

२७- रानी ने मॉल से की खरीदारी-

 उस सामान को देखते हुए मधुर सपनों में खो गई एकटक  सामान को देख रही थी, और मन ही मन बहुत खुश हो रही थी। काफी देर बाद दीपक बिलिंग करा कर वापस आया,तो उसने रानी को एकटक सामान को निहारते हुए देखा। उसे समझते देर न लगी कि रानी अपने बच्चे के सपनों में खो चुकी है। दीपक ने आकर रानी को आवाज दी........ रानी..... रानी... हां आवाज के साथ रानी झटके से  बोली हां जी कहिए। क्या कह रहे हैं?  दीपक से बोली- अरे आप आ गए दीपक ने कहा हां मैं बिलिंग करा कर आ गया हूं। अब यह सामान  लेकर घर चलते हैं। बहुत रात हो चुकी है, रानी का मन तो कुछ और ही कह रहा था। वह सोच रही थी, कि वह इस सामान के साथ अभी श्रेया के पास जाए और बच्ची को यह सामान देने के बहाने उससे एक बार मिल लें, परंतु काफी देर हो चुकी थी, किसी के यहां जाने के लिए  समय का ख्याल रखना पड़ता है। दीपक ने कहा- नहीं अभी हम घर चलेंगे और घर चल कर हम विचार करेंगे। रानी ने सुनकर हां ....कर दिया।  दीपक और रानी मॉल के बाहर आकर गाड़ी में बैठे और संभाल कर सामान को रखा और घर की ओर निकल पड़े। रास्ते में दीपक ने एक होटल से शाम को खाना पैक करवाया।घर पहुंचते ही दोनों ने समान रख,  हाथ मुंह धो कर दोनों ने खाना खाया। वह दोनों ही बहुत थके हुए थे। इसलिए खाना खाकर दोनों लोग की बेड पर चले गए। पर बेड पर पहुंचते ही दोनों कब निद्रा देवी की गोद में समा गए। उनको पता भी नहीं चला,इतनी गहरी नींद में सो रहे थे, कि सुबह कब हो गई, पता ही नहीं चला।

जब चिड़िया चीं चीं चहचहाने लगी, और सूरज की पहली किरण रानी और दीपक के चेहरे पर अपनी आभा और मुस्कान बिखेर गई। दीपक और रानी दोनों की आंख खुली, और घड़ी की तरफ नजरें गई , सुबह का 6:30 बज चुका था। दीपक जल्दी से उठा और उसने रानी को उठने को कहा- कहा....... जाओ... ज़रा चाय लेकर आओ। रानी उठी और वॉश-बेसिन के पास गयी,वहां जाकर उसने मुंह धोया, फिर थोड़ी ताजगी महसूस हुई और दीपक के कहे अनुसार चाय बनाने रसोई में चली गई। रसोई में जा कर रानी ने चाय बनाई,और जैसे ही चाय बन गई। वह दो कप चाय लेकर बाहर आई। बाहर हाल में आकर  उसने दीपक को आवाज लगाई....... कि आइए .....चाय बन गई है। चाय पी लीजिए। दीपक बेडरूम से बाहर आया, और दोनों  चाय की चुस्कियां लेते हुए नव अरुणोदय ...का चक्षु दर्शन ...करते हुए विटामिन डी का लाभ लेने लगे। चाय पीने के बाद दीपक अपने काम में लग गया और रानी किचन में जाकर अपने किचन का काम संभालने लगी। दीपक को ऑफिस जाना था..  दीपक ने रानी पूछा- कि क्या बना रही हो......

रानी ने कहा-  बताइए क्या खाना है, जो आप कहेंगे वही बना दूंगी।... दीपक ने कहा-  नहीं यार मैं तो पूछ रहा हूं, जो भी बना रही हो। सब ठीक है,मैं सब कुछ खा लूंगा। रानी ने मुस्कुरा कर कहा-  आज मटर पनीर बनाने वाली हूं। दीपक ने कहा-  अरे वाह तब तो मजा आ जाएगा। बहुत बढ़िया........ बनाओ .....बनाओ। रानी ने फ्रिज से मटर निकाली और वह मटर छीलने बैठ गई। इतने में दीपक बाथरूम में नहाने चला गया रानी ने मटर छील कर, फ्रिज से पनीर और टमाटर निकालकर मटर पनीर बनाने की तैयारी करने लगी। थोड़ी ही देर में मटर पनीर बनकर तैयार हो गया।  उधर दीपक तैयार होकर बाहर आ गया था, उसने रानी से पूछा -कि क्या देर है खाने में। रानी ने कहा बैठिए अभी लगाती हूं खाना। इतना  कहकर रानी किचन में खाना लाने चली गई। उसने फटाफट आटा गूंध कर  मुलायम - मुलायम रोटियां बनाई और  तुरंत खाना परोस कर  दीपक को दिया।  दीपक ने जैसे ही पहला निवाला खाया, पहला निवाला खाते ही  दीपक ने रानी के बनाए हुए खाने की बहुत तारीफ की। दीपक ने कहा- वाह मटर पनीर तो बहुत ही अच्छा बना है। अपनी तारीफ सुनकर रानी बड़ी खुश हुई। और खुशी में बोल पड़ी, क्या शाम को श्रेया और श्रवन से मिलने चलेंगे। रानी के मुख पर खुशी का भाव देखकर दीपक सोच में पड़ गया। इसके मन में सिर्फ इस समय एक ही भाव चल रहा है...…... और वह है..... बच्चा। वह श्रवन और श्रेया के बच्चे से मिलने के लिए बोली, तो  दीपक उसको मना नहीं कर पाया और बोला- ठीक है, देखता हूं। अगर समय से वापस आ गया ऑफिस से,तो हम दोनों श्रेया और श्रक्न के बच्चे से मिलने चलेंगे।और जो सामान उसके लिए लाए हैं, उस गुड़िया को देकर आएंगे।रानी के तो जैसे पर लग गए हो। उसके पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। श्रेया की बच्ची से मिलने की खुशी रानी को इतना ज्यादा हो रही थी। कि अभी उसके अलावा वह और कुछ सोच ही नहीं पा रही थी। रानी तो वही सोच रही थी कि कब शाम हो।  दीपक ऑफिस से घर आए। और मैं उससे मिलने जाऊं, रानी सोच में इतना डूब गई थी, कि उसे पता ही नहीं रहा कि उसका पति दीपक खाना खा रहा है।वह  तो भूल गई कि श्रवन को कुछ और चाहिए या नहीं चाहिए। दीपक ने रानी को आवाज दी। रानी ....रानी.....। रानी जैसे नींद से जाग गई हो।उसने कहा-  हां जी। दीपक ने कहा- कि अभी शाम होने में बहुत देर है। और अभी इतना खुश मत हो, अगर मैं ऑफिस से नहीं आ पाया तो तुम्हें बुरा लगेगा। इसलिए अभी आराम से रहो, मैं ऑफिस से आ जाऊंगा तो जरूर चलूंगा। रानी ने हां ...में सिर हिला दिया। दीपक खाना खाकर ऑफिस के लिए निकलने लगा, तो रानी ने दीपक को एक बार फिर याद दिलाया,देखिए कोशिश करके आ जाइएगा। प्लीज

दीपक ने कहा अरे! हां भाई हां, मैं पूरी कोशिश करूंगा। शाम को समय से निकलने के लिए मुझे तुम्हारी बहुत फिक्र है, तुम परेशान मत हो। मैं निकलने से पहले तुम्हें फोन करूंगा,और तुम तैयार हो जाना। मैं जब घर पहुंचूंगा, तो तुम तैयार मिलोगी तो हम तुरंत ही निकल सकेंगे।रानी ने सुनकर खुशी से हां कह दिया,और दीपक को बाय बोल कर ऑफिस के लिए विदा किया। दीपक को विदा करके रानी अंदर आई। आकर कुछ देर सोफे पर बैठ गई और सोचने लगी, कि काश कुछ ऐसा हो जाए कि मेरी भी गोद भर जाए।मेरी गोद में भी एक छोटी सी प्यारी सी गुड़िया आ जाए,तो हमारा जीवन सफल हो जाए सोचते सोचते सपनों में खो गई।

अचानक दरवाजे की घंटी बजी। दरवाजे की घंटी की आवाज सुनकर से अचानक रानी को सपना टूट गया, रानी झट से उठी और रसोई की तरफ चली गई। रसोई से भगौना लेकर आई और दरवाजे पर पहुंची। उसे पता था यह दूध वाले भैया दूध देने आए होंगे।रानी ने दरवाजा खोला दूध लिया और दरवाजा बंद करके अंदर आकर दूध गर्म करने लगी। दूध गर्म करने के बाद रानी नहाने चली गई। लेकिन उनके मन में सिर्फ एक ही विचार चल रहा था, जो कि श्रेया के बच्चे को खिलाने का था। नहा धोकर खाना पीना खाकर रानी आराम करने लगी। विचारों के ताने बाने में खोई रानी ना जाने कब सो गई। अभी रानी सो ही रही थी कि अचानक फोन की घंटी बजी। फोन की घंटी ने रानी की नींद को तोड़ा। रानी ने देखा- कि फोन दीपक का है, रानी ने फोन उठाया और दीपक से बात की। दीपक ने कहा कि मैं ऑफिस से निकल रहा हूं, तो तुम जल्दी से तैयार हो जाओ। मुझे तैयार मिलोगी तो समय बर्बाद नहीं होगा ,और हम तुरंत हॉस्पिटल चले चलेंगे। यह सुनकर रानी जैसे आसमान में उड़ने लगी। वह तुरंत उठी और उसने बाथरूम में जाकर कपड़े चेंज किए और तैयार हो गई। साथ में उसने एक तरफ चाय भी बनाने को रखने दी। कि दीपक आएंगें तब हम दोनों चाय पीकर ही निकलेंगे।

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10 Comments

दशला माथुर

20-Sep-2022 02:35 PM

Nice 👍

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Mithi . S

18-Sep-2022 04:36 PM

Very nice 👍

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Chetna swrnkar

18-Sep-2022 11:58 AM

बेहतरीन रचना 👌👏

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